सरदार वल्लभ पटेल , जन्मे जो नडियाद ।
बिस्मार्क वे भारत के , देश हुआ आज़ाद ।।
देश हुआ आज़ाद , बने उप प्रधानमंत्री ।
लौह पुरुष कहलाय , पूर्ण सफल प्रजातंत्री ।।
'वाणी' नर्मदा तीर , प्रतिमा विशाल आकार ।
झुका- झुका कर शीष , जय-जय वल्लभ सरदार ।।
कवि अमृत ‘वाणी’
 
