राष्ट्रीय एकता दिवस

 

सरदार वल्लभ पटेल , जन्मे जो नडियाद  ।

बिस्मार्क वे भारत के , देश हुआ आज़ाद  ।।

देश हुआ आज़ाद , बने उप प्रधानमंत्री  ।

लौह पुरुष कहलाय ,  पूर्ण सफल प्रजातंत्री  ।।

'वाणी' नर्मदा तीर , प्रतिमा विशाल आकार  ।

झुका- झुका कर शीष , जय-जय वल्लभ सरदार  ।।

                                                                 कवि अमृत ‘वाणी’

अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट दिवस


मोबाइल में जान है , जान सके तो जान  ।

जानकार जग जानता , किसमें किसकी जान  ।।

किसमें किसकी जान , जान कितनी व्याकुल है  ।

अगर चुराले चोर, सज़ा मिलनी बिल्कुल है  ।।

कह 'वाणी' कविराज , कभी न होंगे फाइनल  ।

केश-केश पर क्लेश , जेब में जब मोबाइल  ।।

कवी अमृत वाणी 
 

बचत दिवस


बचत दिवस संदेश से, किया काम सब रोज  ।

दो-दो पैसा जोड़ते, उनका निखरा ओज  ।।

उनका निखरा ओज, इटली का शहर मिलान  ।

आयोजन को देख, बात फिलीयो की मान  ।

'वाणी' शुभ शुरुआत, इटली नामक देश से  ।

होठों पर मुस्कान, बचत दिवस संदेश से  ।।


जम्मू कश्मीर विलय दिवस


आज़ादी के बाद ही, हरिसिंह हैरान । 

रियासत खुशहाल नहीं, सताय पाकिस्तान ।।

सताय पाकिस्तान, पाक का मन पाक नहीं ।

कह जम्मू कश्मीर, भरत सा है भारत सही ।।

'वाणी' भाई जान, बड़ी सेना पहुंचा दी ।

जे. के. में संतोष, मिली सच्ची आज़ादी ।।

जम्मू कश्मीर विलय दिवस

आज़ादी के बाद ही , हरिसिंह हैरान  । 

रियासत खुशहाल नहीं ,सताय पाकिस्तान  ।।

सताय पाकिस्तान , पाक का मन  पाक नहीं  ।

कह जम्मू कश्मीर , भरत सा है भारत सही  ।।

'वाणी' भाई जान , बड़ी सेना पहुंचा दी  ।

जे. के. में संतोष , मिली सच्ची आज़ादी  ।।